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Wednesday, March 9, 2011

Titli Rani - तितली रानी, तितली रानी Hindi Kavita

तितली रानी, तितली रानी
बडी सयानी, बडी सयानी
रंग-बिरंगे पंख तुम्हारे
लगते हमको बहुत ही प्यारी
हाथ हमारे तुम नहीं आतीं
तुम्हें पकडते तुम उड ज़ातीं
दौड-दौड क़र हम थक जाते
फिर भी तुमको पकड न पाते
फूल तुम्हारे सच्चे साथी
जिन पर तुम झुक-झुक जातीं
रोज सुबह जब फूल खिलेंगे
तब हम तुमसे गले मिलेंगे


A Child's Book of Poems





.तितली रानी तितली रानी इतने सुन्दर पंख कहाँ से लाई हो

क्या तुम कोई शहज़ादी हो परिलोक से आए हो

फूल तुम्हे भी आछे लगते फूल हमें भी भाते हैं

वो तुमको कैसे लगतें जो फूल तोड़ने जातें हैं